Scientific Name of Grass Grows in Navratri

It is said that there are many things in Hindu almanac that should be done and there is a lot of benefit from doing it. In such a situation, the festival of Navratri is celebrated for the entire nine days and this has great importance in Hinduism. It is said that different forms of Goddess Durga are worshiped for the entire nine days. Let us tell you that many people sow barley on the first day of Navratri, but most people do not know its importance. 

The scientific name of barley is "Hordem Vulgare" and is sown on the first day of Durga Navaratri. According to our scriptures, barley was the first crop after the beginning of creation, so whenever goddesses are worshiped, barley is offered in prayers to God in front of fire. 

It is believed that barley grown in Navratri is a sign of some things related to the future. In fact, the main reason behind this is that barley is considered Lord Brahma and we should respect grains. It is said that if barley sprouts do not grow in two to three days, then there is no good sign for you in the future, that is, you will get fruit only after hard work. 

With this, when the colour of barley is half yellow from the bottom and half green from the top, it means half the time of the coming year will be fine. With this, the colour of barley is half green from the bottom and half yellow from the top, it means that the beginning of the year will pass well, but later you will have to face troubles. On the other hand, if your sown barley is growing in white or green colour, then it is said to be very auspicious. Read More…


ऐसा कहा जाता है कि हिंदू पंचांग में कई चीजें हैं जिन्हें किया जाना चाहिए और इसे करने से बहुत लाभ होता है। ऐसे में नवरात्रि का त्यौहार पूरे नौ दिनों तक मनाया जाता है और हिंदू धर्म में इसका बहुत महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा पूरे नौ दिनों तक की जाती है । आपको बता दें कि नवरात्रि के पहले दिन बहुत से लोग जौ बोते हैं, लेकिन ज्यादातर लोग इसके महत्व को नहीं जानते हैं। 

जौ का वैज्ञानिक नाम "होर्डेम वल्गारे" है और दुर्गा नवरात्रि के पहले दिन बोया जाता है। हमारे शास्त्रों के अनुसार, जौ सृष्टि की शुरुआत के बाद पहली फसल थी, इसलिए जब भी देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, तो जौ को हवन में चढ़ाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि में उगने वाली जौ भविष्य से जुड़ी कुछ चीजों का संकेत होती है। वास्तव में, इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि जौ को ब्रह्म माना जाता है और हमें अनाज का सम्मान करना चाहिए। कहा जाता है कि यदि जौ के अंकुर दो से तीन दिनों में नहीं उगते हैं, फिर भविष्य में आपके लिए कोई अच्छा संकेत नहीं है, अर्थात आपको कड़ी मेहनत के बाद ही फल मिलेगा। 

इसके साथ, जब जौ का रंग नीचे से आधा पीला और ऊपर से आधा हरा होता है, तो इसका मतलब है कि आने वाले साल का आधा समय ठीक रहेगा। इसके साथ, जौ का रंग नीचे से आधा हरा और ऊपर से आधा पीला है, इसका मतलब है कि साल की शुरुआत अच्छी तरह से गुजर जाएगी, लेकिन बाद में आपको परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। दूसरी ओर, यदि आपका बोया हुआ जौ सफेद या हरे रंग में बढ़ रहा है, तो यह बहुत शुभ कहा जाता है। 



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