How Many Chapter can be Read Daily in Navratri?
Navaratri is a nine-day festival in which people worship Goddess Durga. During these nine days, the Durga Saptashati book is read by the worshipers. Durga Saptashati is considered as the holy scripture of Hinduism. Durga Saptashati is filled with spiritual story with a divine story of Goddess Bhagwati.
This book also includes the process of recitation with the request, Saptashloki Durga, Durgashtattarashatnamastotram, Pathvidhi: Durgasaptasati recitation, epilogue, apologetics, Sri Durgamanas Pooja, Sri Durgadvatrianshananamala, Devyapradhakshamapanastotram, Siddhikunjikastotram and Devi Aarti.
- Chapter one for the first day (Madhu Catabh Slaughter)
- Chapter two, three and four on the second day (Mahishasura Slaughter)
- Chapter five and six on the third day (Dhumralochan Slaughter)
- Chapter seven on the fourth day (Chand Mund Slaughter)
- Chapter eight on the fifth day, (slaughter of Raktbeej)
- Chapter Nine and Ten on the Sixth Day (Shumbha Nishumbh Slaughter)
- Chapter eleven on the seventh day (praise of goddess and boon to gods)
- Chapter twelve on the eighth day (Greatness of the recitation of goddesses)
- Chapter thirteen on the ninth day (blessings to King Surath and Medha Merchant) Read More…
Durga Saptashati (Goddess Mahatyam) during Navratri should be recited as follows: ~~
नवरात्रि नौ दिनों का त्योहार है जिसमें लोग देवी दुर्गा की पूजा करते हैं। इन नौ दिनों के दौरान, पूजा करने वालों द्वारा दुर्गा सप्तशती पुस्तक पढ़ी जाती है। दुर्गा सप्तशती को हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथ के रूप में माना जाता है। दुर्गा सप्तशती आध्यात्मिक कहानी के साथ देवी भगवती की एक दिव्य कहानी से भरी है।
इस पुस्तक में निवेदन, सप्तश्लोकी दुर्गा, दुर्गाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम, पाठविधि:, दुर्गासप्तसती पाठ, उपसंहार, क्षमाप्रार्थना, श्री दुर्गामानस पूजा, श्री दुर्गाद्वात्रिंशन्नानमाला, देव्यपराधक्षमापनस्तोत्रम, सिद्धिकुंजिकास्तोत्रम और देवी की आरती के साथ पाठ करने की प्रक्रिया भी शामिल है।
- पहले दिन के लिए अध्याय एक (मधु कैटभ वध)
- दूसरे दिन अध्याय दो, तीन और चार (महिषासुर वध)
- तीसरे दिन अध्याय पांच और छह (धुम्रलोचन वध)
- चौथे दिन अध्याय सात (चंड मुंड वध)
- पांचवें दिनअध्याय आठ (रक्तबीज वध)
- छठें दिन अध्याय नौ और दस (शुंभ निशुंभ वध)
- सातवें दिन अध्याय ग्यारह (देवी की स्तुति और देवताओं को वरदान)
- आठवें दिन अध्याय बारह (देवी चरित्रों के पाठ का महातम्य)
- नौवें दिन अध्याय तेरह (राजा सूरथ और मेधा व्यापारी को आशीर्वाद)
नवरात्रि के दौरान दुर्गा सप्तशती (देवी महात्म्यम) का पाठ इस प्रकार किया जाना चाहिए:~~
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