Women’s Struggle for Independence
It has been many years since our country became independent, but women have not got the right to live freely till date. The bigger the crimes that happen to women, the less their punishment. No news of any number of incidents, which come, they sit in the house upset by the justice system.
The law of the country will change when it changes but we can do our thinking. We stand for the right of every woman to live equally and free from discrimination.Unfortunately, many of the women do not know their rights. Women are still struggling with issues such as safety, mobility and economic independence.
Our male dominated society gives decision making power to men. Women are often denied, from studying or working, to making economic decisions, to good use of earnings. In fact, most female feticide in the world occurs in India. Read More...
हमारे
देश को आज़ाद हुए कितने वर्ष हो गए लेकिन महिलाओं को आज़ादी से जीने का हक़ आज तक नहीं
मिला। महिलाओं के साथ होने वाले गुनाह जितने बड़े होते हैं, उनकी सजा उतनी ही कम। कितनी
ही घटनाओं की खबर नहीं आती, जो आती हैं वो न्याय प्रणाली से परेशान होकर घर में बैठ
जातें हैं।
देश का कानून बदलेगा जब बदलेगा लेकिन हम अपनी सोच को तो सकते हैं। हम हर महिला को समान रूप से जीने और भेदभाव से मुक्त होने के अधिकार के लिए खड़े हैं । दुर्भाग्य से, कई महिलाएं अपने अधिकारों को नहीं जानती हैं, महिलाएं अभी भी सुरक्षा, गतिशीलता और आर्थिक स्वतंत्रता जैसे मुद्दों से जूझ रही हैं।
हमारा पुरुष प्रधान समाज पुरुषों को निर्णय लेने की शक्ति देता है। महिलाओं को अध्ययन करने या काम करने से लेकर आर्थिक निर्णय लेने, कमाई के सदुपयोग तक, अक्सर इनकार किया जाता है। वास्तव में, दुनिया में सबसे अधिक कन्या भ्रूण हत्या भारत में होती हैं ।
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