Regrets of Life, I’d Have Done It This Way Instead
Humans get tired of crossing the third stage of life. His senses start answering. Gradually, he starts wearing tolerance.
His hands and feet begin to relax, physical strength starts to respond, at this
time he feels the need for support. Along with physical strength, mental strength also declines.
His ears start to hear less, the taste of the tongue disappears. Nearby things
either appear far away or blurry, and they are seen as their shadow.
Whenever you encounter God with true love and selfless spirit. May your wishes be fulfilled, why not something like this, which can be remembered by everyone
with love? Read More…
ज़िन्दगी के तीसरे पड़ाव को पार करते करते इंसान थक जाता हैं। उसकी इन्द्रियां जवाब देने लगती हैं। धीरे धीरे वह सहनशीलता धारण करने लगता हैं।
उसके हाथ पैर शिथिल होने लगते हैं, शारीरिक शक्ति जवाब देने लगती हैं, इस समय उसे सहारे की जरूरत महसूस होती हैं। शारीरिक शक्ति के साथ साथ मानसिक शक्ति का भी ह्रास होता हैं।
उसके कानो से कम सुनाई देने लगता हैं, जीभ का स्वाद ख़त्म हो जाता हैं आँखों से कम दिखाई देने लगता हैं। पास की चीजे या तो दूर दिखाई देने लगती हैं या धुंधली दिखती हैं, और तो और उसको अपनी परछाई भी दूर जाती दिखाई देती हैं।
जब भी आप सच्चे प्यार और निस्वार्थ भावना के साथ भगवान से सामना करते हैं। हो सकता है आपकी इच्छा पूरी हो जाएं, क्यों न कुछ ऐसा किया जाए, जिसे हर कोई प्यार से याद कर सके।
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