Last Day of My High School
"How could I forget that day?" It was 20 March 1985. We all gathered in our school hall.
This was our last day in high school. It was our
school's tradition to arrange a feast for outgoing students. All our mates were
busy organising a tea party for us. Our exams were declared. The environment
was a mixture of sorrow and joy.
One side, there was happiness to go to college but on the other sadness for farewell from school. Everyone was hugging and wishing each other good luck.
All had kept a
silence when our headmaster entered in the hall. He gave us lots of advice and
wished for a bright future ahead. The party concluded with tears in the eyes of
everyone including some of our teachers. Read More
"मैं उस दिन को कैसे भूल सकता था।" यह 20 मार्च 1985 था। हम सभी अपने स्कूल के हॉल में एकत्रित हुए थें। छात्रों के लिए एक पार्टी की व्यवस्था करना हमारे स्कूल की परंपरा थी।
हाई स्कूल में यह हमारा आखिरी दिन था। बहिर्गामी छात्रों के लिए एक दावत की व्यवस्था करना हमारे स्कूल की परंपरा थी।हमारे सभी साथी हमारे लिए एक दावत के आयोजन में व्यस्त थे। हमारी परीक्षाएं घोषित हो चुकी थीं।
वातावरण में दुख और आनंद का मिश्रण था। एक तरफ कॉलेज जाने की ख़ुशी थी लेकिन दूसरी तरफ स्कूल से विदाई का दुःख। सभी गले मिल रहे थे और एक-दूसरे को शुभेच्छा रहे थें।
फिर हमारे मुख्याध्यापक ने हॉल में प्रवेश किया और हम सभी ने चुप्पी साध ली । उन्होंने हमें बहुत सलाह दी और आगे के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। पार्टी हमारे कुछ शिक्षकों सहित सभी की आँखों में आँसू के साथ संपन्न हुई।
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