Either troubled for water or by water
The rivers of rivers are spread in eastern India due to which floods occur every year, and bring floods of destruction. To this day, the government does not pay any attention. There is an air tour, loss is assessed, but does it honestly compensate for the loss of goods and life.
Along with this, some time someone has thought that how is the life of people living in difficult circumstances in this natural disaster. No one sees whether people are getting food or not. The natural resources which should be a boon for us, have become a curse due to the neglect of our administration. In North India, everyone must have heard the dispute between Punjab - Haryana and Rajasthan.
पूर्वी भारत में नदियों का जाल फैला हुआ हैं जिसके कारण हर साल बाढ़ आती हैं, और तबाही का सैलाब लेकर आती हैं । इस पर आज तक सरकार कोई ध्यान नहीं देती हैं। हवाई दौरा होता है, हानि का आकलन किया जाता है, लेकिन क्या ईमानदारी से माल और जनहानि की भरपाई होती हैं।
इसके साथ ही कभी किसी ने सोंचा है की विकट परिस्थितियों में जीवनयापन करने वाले लोगो का जीवन इस प्राकृतिक आपदा में कैसा हाल है। लोगो को भोजन मिल रहा हैं या नहीं, कोई नहीं देखता। जो प्राकृतिक संसाधन हमारे लिए वरदान होने चाहिए, वही हमारे प्रशासन की अनदेखी की वजह से अभिशाप बन गए है। उत्तर भारत में सबने सुना होगा की पंजाब- हरियाणा और राजस्थान में ठनी रहती है।
दक्षिण भारत में भी हालत जुदा नहीं हैं, कावेरी विवाद इसका ज्वलंत उदहारण हैं। क्या सरकार जिस प्रकार प्रधान मंत्री सड़क परियोजना की तरह प्रधान मंत्री नहर परियोजना को कार्यान्वित करके हमारे भारत को हर साल होने वाले कई हज़ार करोड़ो के नुकसान से बचा नहीं सकती, जिससे हर भारतवाशी के जीवन में एक और खुशहाली छा जाएगी वही दूसरी तरफ हमारे भाई हर साल जो कष्ट उठाते है वो भी प्रशन्न हो जायेगें।
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