I started Early to be on Time, But
When I was in the 7th grade, my two younger brothers also started going to school, which resulted increase in our spending. I was not in favor of making them realize our poverty. Thus I searched for the new source of income in addition to my mother's wages.
Honestly hard work has shown its color and we took back our farm which my uncle had as a hostage. Waking up early in the morning milking the pets, feeding them and distributing newspapers was my morning routine. Then on my way to school, I had to leave the milk container at the shops at my bus stand.
After school straight to home and feed my brothers then making arrangement to feed pet animals in my house. Then visit our fields to bring grass for my pets and cutting it with "Gandasa” for the next day. In evening milking the pets.
Thus I had no time to meet
any of my school mate. During this busy schedule I was so tired that usually I
miss my dinner and go to sleep and later it became my habit. Read More... Cont’d
जब मैं 7 वीं कक्षा में था, मेरे दो छोटे भाई भी स्कूल जाने लगे, जिसके परिणामस्वरूप हमारा खर्च बढ़ गया। मैं उन्हें हमारी गरीबी का एहसास कराने के पक्ष में नहीं था। इस प्रकार मैंने अपनी माँ के वेतन के अतिरिक्त आय के नए स्रोत की तलाश की।
ईमानदारी से कड़ी मेहनत ने अपना रंग दिखाया है और हमने अपने खेत वापस ले लिया जो मेरे चाचा के पास बंधक था। सुबह जल्दी उठकर पालतू जानवरों का दूध दुहना, उन्हें खाना खिलाना और अखबार बांटना , ये मेरी सुबह की दिनचर्या थी । फिर स्कूल जाते समय दूध के कंटेनर को मेरे बस स्टैंड पर दुकानों पर छोड़ना होता था ।
स्कूल के बाद सीधे घर पर और अपने भाइयों को खिलाने के बाद मुझे मेरे घर में पालतू जानवरों को खिलाने की व्यवस्था करना। फिर अगले दिन के लिए अपने पालतू जानवरों के लिए घास लाने के लिए हमारे खेतों मे जाना और गंडासा के साथ इसे काटना । शाम को पालतू जानवरों का दूध दुहना ।
इस प्रकार मेरे पास अपने किसी भी स्कूल के साथी से मिलने का समय नहीं था। इस व्यस्त कार्यक्रम के दौरान मैं इतना थक जाता था कि आमतौर पर मैं अपना खाना खाने से चूक जाता था और सो जाता था । और बाद में यह मेरी आदत बन गई।
Nice
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